🌹🌹🌷ग़ज़ल🌷🌹🌹
दो घड़ी प्यार से दुनिया को हँसाने के लिए
तू यहाँ आया है किरदार निभाने के लिए
तू जो दुनिया की चकाचौंध में यूँ खोया है
है तुझे इल्म कि तू आया है जाने के लिए
एक ज़र्रे से भी मामूली है औक़ात तेरी
और बेचैन है तू आसमाँ पाने के लिए
अम्न की राह पकड़ हुक्म ए ख़ुदा तू सुन ले
क्यों सबब बनता है इंसां को रुलाने के लिए
और तो कुछ नहीं दौलत है तेरे पास ‘क़मर’
अपने अशआर ही दे जा तू ज़माने के लिए
n क़मर जौनपुरी